रामनगर| तराई पश्चिमी वनप्रभाग के डीएफओ कुंदन कुमार को टेड़ा और क्यारी गांव के स्थानीय ग्रामीणों व इको विकास सीमित एवम पवलगढ़ प्रकृति प्रहरी के द्वारा सीतावनी जोन में लिमिटेशन करने की सराहना की और साथ ही साथ ये भी अवगत कराया कि पूर्व में पवलगर गेट से सफारी का संचालन किया जाता था और वर्तमान में टेड़ा गेट से हो रहा है जिससे गाइडों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सीतावनी जोन अच्छे पर्यटन को मद्देनजर रखते हुए टेड़ा व पवलगढ़ दोनों गेटों से सफारी का संचालन किया जाय और साथ ही साथ लिमिटेशन होना बहुत जरूरी है। पूर्व उप प्रधान विनोद बुधानी ने बताया कि पूर्व में 119 लोगो ने गाइड परीक्षा दी थी जिसमे 100 से अधिक बेरोजगारों ने परीक्षा पास की जिसमे से मात्र 60 लोगो का चयन किया गया जिसे लगभग 40 लोग जिहोने परीक्षा पास की थी वह वंचित रह गए है इसकी लिखित जानकारी पूर्व के प्रभागीय वनाधिकारी जी को अवगत कराया गया था उन्होंने आस्वासन दिया था कि में हम लगभग 100 गाइड का चयन करेंगे और उसके बाद जो आवश्यक्ता पड़ेगी तो भर्ती कराएंगे। पीसीआर के ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि दोनों गेट से संचालन होने से लगभग 50-50 गाड़ी जा सकती है उस हिसाब से लगभग 130 गाइडों का होना बहुत जरूरी है।


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